विगत दिवस हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज का यह बयान आया कि, दिल्ली मै नौकरी करने वाले हरियाणा के रहने वाले लोगो की प्रतिदिन दिल्ली हरियाणा में आवाजाही से कोरोना के मामले हरियाणा में बढ़ रहें हैं। इस पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने आरोप को नकारते हुये ज्यादा तूल न देने वाली प्रतिक्रिया आई। यद्यपि अनिल विज के उक्त बयान को मीडिया ने प्रसारित तो किया, लेकिन वह मीडिया की न तो सुर्खी बन पाया और न ही उस पर मीडिया ने कोई सार्थक बहस करवाई। अनिल विज का उक्त बयान एक सामान्य राजनीतिक बयान हो सकता है लेकिन उसमें छिपे हुए निहितार्थ भाव जो बहुत ही खतरनाक है, को समझना अति आवश्यक हैं ।
अनिल विज उक्त बयान के द्वारा आखिर क्या दर्शाना चाहते हैं। हरियाणा के निवासिंयो को दिल्ली सरकार द्वारा नौकरी दिए जाने पर उनको धन्यवाद देने के बजाय मंत्री का यह कहना कि उनकी दिन प्रतिदिन हरियाणा में आने जाने की आवाजाही से कोरोना फैल रहा हैं, न केवल दुर्भाग्यपूर्ण हैं, बल्कि पूर्णता अपरिपक्वता लिया हुआ बयान है। साथ ही यह हरियाणा सरकार की कोरोना वायरस को रोकने में हो रही असफलता (यदि कोेई है तो)े पर पर्दा ड़ालने का असफल प्रयास मात्र ही हैं। कोेरोना वायरस का संक्रमण मात्र हरियाणा या दिल्ली की समस्या नहीं हैं, बल्कि पूरे देश की गंभीर समस्या है। माननीय मंत्री हरियाणा के नागरिक नहीं है? बल्कि भारत देश के नागरिक हैं, जिसमें हरियाणा और दिल्ली राज्य शामिल हैं। नागरिकता की दृष्टि से वे अपने जन्म स्थल सहित भारत देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। जब वे विदेश जाएंगे तब हरियाणा का पासपोर्ट नहीं होगा, भारत देश का अशोक चक्र लिए हुए पासपोर्ट होगा। ऐसी स्थिति में उनका उत्तरदायित्व हरियाणा सरकार के मंत्री होते हुए सिर्फ हरियाणा प्रदेश में ही कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकना ही नहीं हैं, बल्कि एक नागरिक की हैसियत सें उनकी जानकारी में (यदि) दिल्ली में नौकरी करने वाला हरियाणिवी, दिल्ली प्रदेश में कोरोना फैला रहे हैं, तो उसकी जानकारी दिल्ली प्रदेश सरकार को देवे ताकि कोरनटाइन में रखकर उनका इलाज हो सकें। यह दायित्व उनका एक जिम्मेदार नागरिक की हैसियत से बनता है। क्या वे इस बात से अनभिज्ञ है कि डुयटी पर जाने वाले व्यक्तियों की थर्मल टेस्टिंग सहित समस्त सावधानियांे को बरतना होता है। ऐसा संक्रमित व्यक्ति यदि हरियाणा सीमा में आ गया है तो, लाक डाउन के कारण जब प्रत्येक प्रदेश की सीमा सील बंद है, तब उसे वहीं रोक कर उसकी जांच करा कर उसे कोरनटाइन मैं भेजें, बजाएं अपनी असफलता या जिम्मेदारी को दूसरे प्रदेश पर ढोलें।
कश्माीर से कन्याकुमारी तक भारत एक हैं, विविधता में एकता लिये हुए हमारा देश भारत है, इस धारणा को संबल प्रदान करने वाली भाजपा पार्टी के हरियाणा सरकार के मंत्री अनिल विज है। इसलिए उनका उक्त कथन ज्यादा दुख का विषय हैं ।
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