बुधवार, 14 अक्टूबर 2020

‘‘मानक’’ का रखा जाए ध्यान तो खुशनुमा हो सकता है ‘‘जीवन’’!

 14 अक्टूबर ‘‘विश्व मानक दिवस के उपलक्ष्य में’’ लेख         


आज विश्व मानक दिवस है। वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए मानकीकरण के महत्व के रूप में नियामकों, उद्योग और उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से ‘‘विश्व मानक दिवस’’ मनाया जाता है। यह अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (आईएसओ) के स्थापना दिवस के रूप में विश्व भर में मनाया जाता है। माना जाता है कि मानकों के तकनीकी फायदे हैं और इससे उत्पादों तथा सेवाओं को बेहतर बनाने तथा इनसे जुड़े उद्योगों को अधिक कुशल बनाने में मदद मिलती है।यदि इनमें मानकों का उचित पालन न हो तो व्यक्ति का जीवन सुखमय की बजाए दुखमय हो जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय मानक दिवस प्रतिवर्ष 14 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है। यह दिन उन हजारों विशेषज्ञों के प्रयासों का सम्मान करता है जो अमेरिकन सोसाइटी ऑफ मैकेनिकल इंजीनियर्स (एएसएमई), अंतर्राष्ट्रीय इलेक्ट्रोटेक्निकल कमीशन (आईईसी), अंतर्राष्ट्रीयकरण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगठन (आईएसओ), अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार जैसे मानक विकास संगठनों के भीतर स्वैच्छिक मानकों को विकसित करते हैं। यूनियन (आईटीयू), इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स संस्थान (आईईईई) और इंटरनेट इंजीनियरिंग टास्क फोर्स (आईईटीएफ)।

14 अक्टूबर को विशेष रूप से तारीख को चिह्नित करने के लिए चुना गया था, 1946 में, जब 25 देशों के प्रतिनिधियों ने पहली बार लंदन में इकट्ठा किया और मानकीकरण को सुविधाजनक बनाने पर केंद्रित एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन बनाने का फैसला किया। हालांकि एक साल बाद आईएसआंे का गठन हुआ था। लेकिन पहला विश्व मानक दिवस वर्ष 1970 में ही मनाया गया था।

इस दिन की शुरुआत मानकों के विकास संगठनों के भीतर स्वैच्छिक मानकों को विकसित करने वाले हजारों विशेषज्ञों के प्रयासों को सम्मान व श्रद्धजंली देने के लिए भी की गई। मंशा थी कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वैश्विक मानकीकरण की दिशा में जो भी अच्छे प्रयास किए जा रहे हैं, उनका फायदा विकासशील देशों को भी मिलेगा। इससे न केवल उनके व्यापार में बढ़ोतरी होगी बल्कि सामाजिक−आर्थिक क्षेत्र में भी बदलाव आएगा। 

मानक के माध्यम से आज पूरा विश्व एक दूसरे से जुडा हुआ है। हमारा डेबिट, क्रेडिट कार्ड प्रत्येक एटीएम मशीन से हमारे लिए पैसे निकाल देता है। किसी भी दुकान से हमारे लिए वस्तुएं खरीद सकता है। जो बल्ब हम बाजार में कहीं से भी खरीदते हैं, वो हमारे घर में लगे होल्डर में फिट आता है।यह सब मानको के कारण ही संभव हुआ है। मानकों से ही मशीन, पुर्जों तथा उत्पादों में आपस में तालमेल अत्यंत सरल हुआ है।

इस दिन को मनाने का एक और उद्देश्य है। अर्थव्यवस्थाओं के लिए मानकीकरण की आवश्यकता के प्रति जागरूकता फैलाना है। कम दाम में उत्तम गुणवत्ता के उत्पाद तैयार करने या सेवाएं देने के लिए प्रक्रियाओं को लागू करते हुए लक्ष्यों को हासिल करने की क्षमता ही दक्षता है। 

व्यक्ति के जागने से लेकर सोने तक उत्पाद व सेवाओं के मानक

:-सुबह जिस अलार्म से उठते हैं, कई बार उसके धोखा देने से लोगों को बड़ा नुकसान हुआ है।

:-जिम में कसरत करते समय यदि उपकरण मानकों का नहीं है तो लेने के देने पड़ जाते हैं। 

:-नाश्ते के लिए प्रयोग होने वाला टोस्टर कई बार हादसों को जन्म देता है। इसमें भी जरूरी हैं मानक।      

:-दांत मांजने के लिए प्रयोग होने वाला ब्रश कमतर मानक का है तो अच्छे भले दांत खराब हो जाते हैं। 

:-ऑफिस या कारोबार तक जाने के लिए प्रयोग होने वाले वाहन की कमी से कई बड़े नुकसान हुए हैं। 

:-जिस लिफ्ट में हम ऊपरी मंजिल तक जाते हैं, उसके मानकों की कमी हमें मुश्किल में डाल देती है। 

:-जिस कंप्यूटर पर हम काम करते हैं, उसका मानकों से कमतर होने से हमारा कीमती समय खराब हो जाता है। 

:-जिस भोजन को हम स्वास्थ्यवर्द्धक समझ कर ग्रहण करते हैं। उसका सब स्टैंडर्ड होना हमें बीमार करता है। 

इस प्रकार के अनेकानेक उदाहरण हो सकते है।

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