मंगलवार, 11 जून 2024

‘‘माता’’ के दास ‘‘दुर्गा दास’’।

सिर्फ इतिहास ‘‘दोहराया’’ ही नहीं, बल्कि ‘‘बनाया’’ भी है।

बैतूल-हरदा-हरसूद लोकसभा क्षेत्र से पहले से अधिक मतों से विजयी सांसद दुर्गा दास उईके को सिर्फ एक मतदाता व नागरिक की हैसियत से ही नहीं, बल्कि गायत्री शक्तिपीठ, बैतूल के ट्रस्टी की दृष्टि से भी हृदय की गहराइयों से खूब आत्मिक बधाइयां व जनता का हार्दिक आभार! ‘‘जब मन में सफलता का संकल्प होता है, तब ईमानदारी से परिश्रम ही विकल्प होता है’’।  माता गायत्री के अनन्य भक्त, सेवक और गायत्री परिवार की टोली के महत्वपूर्ण सदस्य दुर्गादास उईके को परम पूज्य गुरुदेव और वंदनीय माताजी के आशीर्वाद के साथ जनता के आशीर्वाद से इस संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने का फिर से अवसर प्राप्त हुआ है। मुझे नामांकन भरने के पूर्व और मतगणना प्रारंभ होने के पूर्व के वे क्षण याद आते हैं, जब मेरी उनसे बात हुई थी। तब मैंने यही कहा था कि ईश्वर ने आपके लिए बहुत अच्छा मौका लाया है। कमजोर विपक्ष होने से पिछले मतों से ज्यादा जीतने पर आपको केंद्र मे मंत्री पद मिल सकता है और आप इतिहास रच सकते हैं। वे कथन आज अक्षरशः सत्य सिद्ध हुए हैं।

कुछ व्यक्ति इतिहास रचते हैं, तो कुछ इतिहास दोहराते हैं। लेकिन बहुत कम अवसर ऐसे आते हैं, जब एक ही व्यक्ति एक साथ इतिहास दोहराता भी है और रचता भी है। शिक्षक से सांसद बने दुर्गादास उईके बैतूल की माटी के ऐसे ही शख्स है, जिन्होंने न केवल इतिहास दोहराया, बल्कि नया इतिहास भी रचा दिया। वर्ष 1994 में प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के मंत्रिमंडल में बैतूल-हरदा संसदीय क्षेत्र के सांसद कांग्रेस के असलम शेर खान के बाद दुर्गादास उईके बैतूल लोकसभा के दूसरे सांसद हैं, जिन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में 30 वर्ष बाद प्रतिनिधित्व मिला। असलम शेर खान भी राज्य मंत्री ही बनाए गए थे, जो प्रधानमंत्री कार्यालय में पदस्थ किए गए थे। इस प्रकार वर्तमान में उक्त इतिहास दोहराया गया है। दुर्गादास उईके स्वतंत्रता के बाद जनसंघ, जनता पार्टी और भाजपा के वे बैतूल लोकसभा क्षेत्र के पहले सांसद हैं, जिन्हें केंद्र में मंत्री बनाया गया है। इस दृष्टि से उईके भाजपा के बैतूल के पहले सांसद हैं, जिन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिली है। इसलिए उन्होंने एक नया इतिहास भी रचा है। 

इसी तरह का नया इतिहास मेरे पिताजी स्वर्गीय गोवर्धन दास जी खंडेलवाल ने भी रचा था, जब वर्ष 1967 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री गोविंद नारायण सिंह के मंत्रिमंडल में जनसंघ पार्टी जिसका वर्तमान स्वरूप वर्तमान भाजपा है, के कोटे से उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। इस प्रकार तत्समय प्रथम बार बैतूल जिले को (बैतूल विधानसभा) मध्य प्रदेश के मंत्रिमंडल में स्थान मिला था, तब एक नया इतिहास रचा गया था, जो अभी भी भाजपा की दृष्टि से अटूट है। आज वे इस दुनिया में नहीं लेकिन किसी शायर के चंद अशआर उन्हें समर्पित हैंः- ‘‘जहां रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा, किसी चिराग का अपना मकां नहीं होता है’’। यद्यपि घोड़ाडोगरी क्षेत्र के विधायक रामजीलाल उईके पटवा सरकार में संसदीय सचिव जरूर बनाए गए थे। कांग्रेस के तो कई विधायक रामजी महाजन, अशोक साबले, प्रताप सिंह उईके मंत्री बनाये गये। इसी के साथ स्वर्गीय जी.डी. खंडेलवाल जी ने एक इतिहास यह भी रचा था कि वे पहले और अभी तक के शायद एक मात्र ऐसे गैर आदिवासी विधायक थे, जिन्हें आदिवासी विभाग का कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। यह भी संयोग ही है कि दुर्गादास उईके को भी वहीं आदिवासी विभाग जिसे अब जनजातीय विभाग कहा जाता है, का राज्य मंत्री बनाया गया है। 

वैसे दुर्गादास उईके कुशल वक्ता, मृदुभाषी, सहज, सरल व्यक्ति के धनी है, जो सक्रिय सांसद जरूर रहे हैं। परन्तु संसदीय क्षेत्र की जनता की जो तीव्र अपेक्षाएं उनसे रही हैं, शायद उनकी उतनी पूर्ति अभी तक नहीं हो पाई है। वस्तुतः जन आकांक्षाओं पर खरा उतरना ‘‘तलवार की धार पर चलने के समान होता है’’। अब उन्हें यह एक बड़ा अवसर मिला है कि वे जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप पूर्णतः खरा उतरे। ‘‘चुनौती खु़द को साबित करने का मौका़ देती है’’। इसलिए वे इस अवसर को जनहित में भुनाएं और इस जिले की जनता की इस तकिया कलाम पर हमेशा के लिए ताला लगा दें की जब भी  इस जिले के विकास की बात की जाती है, तो यहां की जनता छिंदवाड़ा में कमलनाथ द्वारा किए गए विकास का उदाहरण देने लग जाती है।  इस परसेप्शन और नरेशन को बदलने का एक सुनहरा अवसर दुर्गा दास उइके को मिला है। ‘‘आज की सफलता कल की उपलब्धियों की शुरुआत हो’’। विलक्षण प्रतिभा के धनी-ज्ञानी, विद्वान और अपनी बातों को अच्छी तरह से प्रस्तुत करने की कला का वह सरकार पर दबाव बनाकर अपने संसदीय क्षेत्र की जनता के हित में उपयोग करें, मेरी उनको जनहित में यही सलाह है, अपेक्षा भी यही है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 14 तारीख को ‘‘मूलतापी’’ पहुंच रहे हैं। मुझे लगता है कि माननीय राज्यमंत्री को इस पहले अवसर पर ही मूलतापी के विधायक चंद्रशेखर देशमुख के विशेष सहयोग से एक नई सौगात दिलाने का अवसर प्राप्त होगा। मूलतापी उद्गम नदी ताप्ती के विकास हेतु ताप्ती विकास प्राधिकरण, परिक्रमा स्थल के विकास की पड़ी लम्बित मांग अविलम्बित पूरी हो सकेगी। साथ ही मूलतापी को जिला बनाने की जनता की मांग पर गहनता से विचार विमर्श होकर अंतिम निर्णय पर पहुंचने का भी प्रयास होगा।

पुनः शत-शत बधाइयां।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Popular Posts